Masih Jeevan

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यीशु मसीह के जीवन में घटनेवाली घटनाओ की भविष्यद्वाणियाँ | Yeshu Masih Ke Jeevan Me Ghatnevali Ghatnao Ki Bhavishyavaniya

यीशु मसीह के जीवन में घटनेवाली घटनाओ की भविष्यद्वाणियाँ

यीशु मसीह के जीवन में क्या-क्या घटनाएं घटेगी कई सौ वर्ष पूर्व हो चुकी थी भविष्यद्वाणी ?

मेरे प्रियों यीशु के जन्म से बहुत समय पूर्व ही यह भविष्यद्वाणी की जा चुकी थी कि उसके जीवन में क्या-क्या घटनाएं घटेगी। बचपन में कहां समय बितायेगा ? कैसा दुःख उठाएगा ? यातना सहने के विषय, मृत्यु के विषय और फिर जी उठने के विषय में भी पुराने नियम में पूर्व से भविष्यद्वाणी की जा चुकी थी।

आईये मेरे भाईयो, बहनों हम पुराने नियम में से केवल 08 भविष्यद्वाणियों को देखते हैं जो नया नियम में पुरा हुआ:-

 

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01. वह अपने बचपन का कुछ समय मिस्त्र में बितायेगा।

पुराने नियम में इस बात की भविष्यद्वक्ता होशे के द्वारा लगभग 715-710 ईसा पूर्व भविष्यद्वाणी की गई थी कि परमेश्वर का पुत्र मिस्त्र से आयेगा।

भविष्यद्वाणी

होशे 11ः 01 –  ‘‘जब इस्राएल बालक था, तब मैं ने उस से प्रेम किया, और अपने पुत्र को मिस्र से बुलाया।”

भविष्यद्वाणी का पुरा होना

मत्ती 02ः14-15 – ‘‘वह रात ही को उठकर बालक और उस की माता को लेकर मिस्र को चल दिया। और हेरोदेस के मरने तक वहीं रहा; इसलिये कि वह वचन जो प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था कि मैं ने अपने पुत्र को मिस्र से बुलाया पूरा हो।”

मेरे प्रियो पुराने नियम में जो भविष्यद्वाणी यीशु मसीह के लिये की गई थी वह नये नियम मत्ती 02 अध्याय में पूरा हुआ जब हेरोदेस राजा ने यहूदियों के राजा का जन्म कहां हुआ है ? ज्योतिषियों को ठीक-ठीक मालूम करके समाचार देने के लिये बोला था किन्तु ज्योतिषियों ने स्वप्न में चेतावनी पाकर हेरोदेस के पास वापस नहीं गये, तब हेरोदेस राजा क्रोध से भर गया था और बैतलहम और उसके आस-पास के गांव के जितने भी बच्चे दो वर्ष और उससे छोटे थे मरवा डाला, किन्तु इसके पहले ही प्रभु के एक दूत ने स्वप्न में यूसुफ को दिखाई दिया और बोला था कि मिस्त्र को भाग जा और जब तक मैं न कहूं वही रहना। यूसुफ रात ही को उठकर बालक और उसकी माता को लेकर मिस्त्र को चला गया। उसके बाद जब हेरोदेस राजा की मृत्यु हुई तब प्रभु के दूत यूसुफ को स्वप्न में दिखाई देकर कहा अब मिस्त्र से इस्त्राएल के देश को चला जा। इस प्रकार पुराने नियम की भविष्यद्वाणी पूरी हुई कि वह अपने पुत्र को मिस्त्र से बुलाया।

 

02. वह दुःख उठायेगा और संसार के पापों का प्रायष्चित करेगा।

पुराने नियम में यशायाह भविष्यद्वक्ता द्वारा लगभग 700-680 ईसा पूर्व यह भविष्यद्वाणी की थी कि मसीह आयेगा और वह मनुष्यों के शारीरिक और आत्मिक चंगाई के लिये दुःख उठायेगा। मनुष्यों के पापों और अपराधों के लिये घायल किया जायेगा, हमारी शांति के लिये वह ताड़ना सहेगा और मनुष्यों की चंगाई के लिये कोड़े खाएगा।

भविष्यद्वाणी

यशायाह 53ः4-6 ‘‘निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा। परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं। हम तो सब के सब भेड़ों की नाईं भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया॥ ”

भविष्यद्वाणी का पूरा होना

मेरे प्रियों जो-जो भविष्यद्वाणी मसीह के लिये हुई थी वह यीशु के जीवन में पूरी हुई। यदि आप नये नियम को पढ़ते हैं तो यीशु ने ही मनुष्यों के शारीरिक और आत्मिक जीवन की चंगाई के लिये दुःख उठाया। रोगो से चंगा होने के लिय कोड़े खाये। उद्धार के लिये क्रूस की मृत्यु सही।

02 कुरिन्थियों 5:21में भी यशायाह भविष्यद्वक्ता द्वारा की गई भविष्यद्वाणी पूरी होती है।
‘‘जो पाप से अज्ञात था, उसी को उस ने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में होकर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं॥”

 

03. वह गदही के बच्चे पर सवार होकर यरूशलेम में प्रवेश करेगा।

मसीह गदही के बच्चे पर सवार होकर यरूशलेम में प्रवेश करेगा इस बात की भविष्यद्वाणी भी लगभग 520-470 ईसा पूर्व जकर्याह भविष्यद्वक्ता ने भविष्यद्वाणी कर दी थी।

भविष्यद्वाणी

जकर्याह 09ः09 – ‘‘हे सिय्योन बहुत ही मगन हो। हे यरूशलेम जयजयकार कर! क्योंकि तेरा राजा तेरे पास आएगा; वह धर्मी और उद्धार पाया हुआ है, वह दीन है, और गदहे पर वरन गदही के बच्चे पर चढ़ा हुआ आएगा।

भविष्यद्वाणी का पूरा होना

खजूर के इतवार पर इस भविष्यद्वाणी के पूरा होने का संपूर्ण विवरण मिलता है।
मत्ती 21ः02-05 -‘‘यह इसलिये हुआ, कि जो वचन भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो; कि सिय्योन की बेटी से कहो, देख, तेरा राजा तेरे पास आता है; वह नम्र है और गदहे पर बैठा है; वरन लादू के बच्चे पर।”

 

04. क्रूस पर उसकी यातना के समय उसे पित्त और सिरका दिया जायेगा।

क्रूस पर यीशु मसीह को यातना के समय पित्त और सिरका दिया जायेगा इस बात की भविष्यद्वाणी दाऊद ने 1500-450 ईसा पूर्व की थी।

भविष्यद्वाणी

भजन संहिता 69ः21‘‘और लोगों ने मेरे खाने के लिये इन्द्रायन दिया, और मेरी प्यास बुझाने के लिये मुझे सिरका पिलाया॥”

भविष्यद्वाणी का पूरा होना

मेरे यदि आप प्रभु यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाये जाने की घटना मत्ती की किताब में पढ़ेगे तो इस भविष्यद्वाणी को पूरा होते पायेंगे।
मत्ती 27ः34 – ‘‘उन्होंने पित्त मिलाया हुआ दाखरस उसे पीने को दिया, परन्तु उस ने चखकर पीना न चाहा।

 

05. उसकी एक भी हड्डी नहीं तोड़ी जाएगी, जो कि क्रूस देने की रोमी प्रथा के विपरीत था।

प्रभु यीशु मसीह की एक भी हड्डी नहीं तोड़ी जाएगी ये भविष्यद्वाणी दाऊद ने 1500-450 ईसा पूर्व की थी जबकि ये रोमी प्रथा के विपरीत था।

भविष्यद्वाणी

भजन संहिता 34ः20 – ‘‘ वह उसकी हड्डी हड्डी की रक्षा करता है; और उन में से एक भी टूटने नहीं पाती।

भविष्यद्वाणी का पुरा होना

यूहन्ना 19ः36 -‘‘ ये बातें इसलिये हुईं कि पवित्र शास्त्र की यह बात पूरी हो कि उस की कोई हड्डी तोड़ी न जाएगी।”
साधारणतः क्रूस पर चढ़ाए कैदियों के पैर तोड़ दिये जाते थे जिससे की वे भाग न सकें, यीशु मसीह के साथ जो दो मनुष्यों को क्रूस पर चढ़ाए थे उनकी सैनिकों द्वारा टांगें तोड़ दी पर जब यीशु के पास आये तो देखे कि वह मर चुका है, तो उसकी टांगे नहीं तोड़ी गई।

 

06. लोग उसके कपड़ों के लिये चिट्ठी डालेंगे।

यीशु मसीह को जब क्रूस पर चढ़ाया गया था तब सिपाहियों ने चिट्ठियाॅं डालकर उसके कपड़े बांट लिये यह भविष्यद्वाणी दाऊद ने लगभग 1500-450 ईसा पूर्व की थी।

भविष्यद्वाणी

भजन संहिता 22ः18 – ‘‘वे मेरे वस्त्र आपस में बांटते हैं, और मेरे पहिरावे पर चिट्ठी डालते हैं।

भविष्यद्वाणी का पूरा होना

मत्ती 27ः35 – ‘‘तब उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया; और चिट्ठियां डालकर उसके कपड़े बांट लिए।”
जब यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाया, तब सिपाहियों द्वारा ठीक ठीक वैसा ही पूरा किया गया जैसे भविष्यद्वाणी की गई थी। “

 

07. मृत्यु की घोर व्यथा में मसीह कुछ विशेष शब्द बोलेगा।

मेरे प्रियों मसीह के विषय में यह भी भविष्यद्वाणी हुई थी कि वह घोर व्यथा में कुछ महत्वपूर्ण शब्दों को कहेगा। यह भविष्यद्वाणी दाऊद ने 1500-450 ईसा पूर्व की थी।

भविष्यद्वाणी

भजन संहिता 22ः01 ‘‘ हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?

भविष्यद्वाणी का पूरा होना

यीशु मसीह को एक पहर दिन चढ़ आया था तब क्रूस पर चढ़ाया गया अर्थात 09 बजे क्रूस पर चढ़ाया गया और 03 बजे तक प्रभु क्रूस पर थे अर्थात 06 घण्टे तक यीशु मसीह क्रूस पर थे। इसी घोर व्यथा के दौरान प्रभु यीशु मसीह ने 07 वाणियां बोले थे।

मरकुस 15ः34 ‘‘तीसरे पहर यीशु ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा, इलोई, इलोई, लमा शबक्तनी जिस का अर्थ यह है; हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?

 

08. वह मरे हुये में से फिर जी उठेगा।

मसीह मरे हुये में से फिर जी उठेगा यह भविष्यद्वाणी भी दाऊद ने 1500-450 ईसा पूर्व की थी।

भविष्यद्वाणी

भजन संहिता 16ः10‘‘ क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगाए न अपने पवित्र भक्त को सड़ने देगा॥

भविष्यद्वाणी का पूरा होना

प्रेरितों के काम 2ः23-24 – ‘‘ उसी को, जब वह परमेश्वर की ठहराई हुई मनसा और होनहार के ज्ञान के अनुसार पकड़वाया गया, तो तुम ने अधमिर्यों के हाथ से उसे क्रूस पर चढ़वा कर मार डाला। परन्तु उसी को परमेश्वर ने मृत्यु के बन्धनों से छुड़ाकर जिलाया: क्योंकि यह अनहोना था कि वह उसके वश में रहता।

मेरे प्रिय भाई बहनों इसका अर्थ यह है कि परमेश्वर की ही यह मनसा थी कि मनुष्यों के लिये एक उद्धारकर्ता भेजा जाना आवश्यक है, अन्यथा वह मनुष्यों के साथ अनन्तकालीन संबंध नहीं बना सकता था। परमेश्वर ने मनुष्यों को पाप से छुड़ाने के लिये अधर्मियों के हाथों से अपने एकलौते पुत्र को क्रूस पर मार डालने की योजना बनाई और अनुमति दी । यीशु मसीह सब मनुष्यों के पापो को अपने देह में लेकर क्रूस की मृत्यु सही और मृत्यु को हराकर मुर्दो में से जी भी उठा। अब जो कोई मनुष्य परमेश्वर की इस योजना अर्थात प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करता है वह मृत्यु के भय से छुटकारा पा लिया है।

प्रेरित पतरस इस बात की गवाही देते हैं कि यीशु मसीह मुर्दो में से जी उठे क्योंकि यीशु मसीह मुर्दो में से जी उठने के बाद पतरस को दिखाई दिये थे। इसी प्रकार प्रेरित पौलुस भी गवाही देते हैं कि यीशु मसीह जी उठने के बाद पतरस को दिखाई दिये, इसके बाद बारह प्रेरितो को और पांच सौ भाईयों से अधिक लोगों को एक साथ दिखाई दिये, याकूब को दिखाई दिये सबसे बाद में पौलुस को भी दिखाई दिये। (01 कुरिन्थियों 15ः03-7)

निष्कर्ष:- यीशु ही सच्चा उद्वारकर्ता और मसीहा है, क्योंकि जो-जो भविष्यद्वाणी उद्वारकर्ता के लिये हुई थी ठीक-ठीक यीशु मसीह के जीवन में पूरी हुई । मेरे प्रियों हमारा प्रभु यीशु मसीह सच्चा है। प्रभु यीशु मसीह को परमेश्वर का पुत्र और मनुष्यों के उद्धारकर्ता के रूप में आपने जो विश्वास किया है, उस विश्वास को और दृढ़ और मजबूत करें।

आमीन।

 

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