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यीशु मसीह की पहिचान एवं सामर्थ्य में बढ़ने के लिये सहायता

मत्ती अध्याय 27 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Matthew Chapter 27 Quiz Questions And Answers

प्रेरितों के काम अध्याय 17 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. जो कुम्हार का खेत 30 चाँदी के सिक्कों से मोल ले लिया वह खेत आज तक क्या कहलाता है ?

उत्तर का संदर्भ:- इस कारण वह खेत आज तक लोहू का खेत कहलाता है। (मत्ती 27:08)

#2. कौन से पहर के निकट यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “एली, एली लमा शक्तनी” ?

उत्तर का संदर्भ:- तीसरे पहर के निकट यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, एली, एली, लमा शबक्तनी अर्थात हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया? (मत्ती 27:46)

#3. यीशु के प्राण छोड़ने के तुरंत बाद क्या हुआ ?

उत्तर का संदर्भ:- और देखो मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फट कर दो टुकड़े हो गया: और धरती डोल गई और चटानें तड़क गईं। (मत्ती 27:51)

#4. कौन से पहर से कौन से पहर तक उस सारे देश में अंधेरा छाया रहा ?

उत्तर का संदर्भ:- दोपहर से लेकर तीसरे पहर तक उस सारे देश में अन्धेरा छाया रहा। (मत्ती 27:45)

#5. हाकिम के सिपाहियों ने यीशु का अपमान करने के लिए उसके सिर पर क्या रखा था ?

उत्तर का संदर्भ:- और काटों को मुकुट गूंथकर उसके सिर पर रखा; और उसके दाहिने हाथ में सरकण्डा दिया और उसके आगे घुटने टेककर उसे ठट्ठे में उड़ाने लगे, कि हे यहूदियों के राजा नमस्कार। (मत्ती 27:29)

#6. प्रधान याजकों ने उन 30 चाँदी के सिक्कों को लेकर क्या किया ?

उत्तर का संदर्भ:- सो उन्होंने सम्मति करके उन सिक्कों से परदेशियों के गाड़ने के लिये कुम्हार का खेत मोल ले लिया। (मत्ती 27:07)

#7. “प्रधान याजकों ने उन 30 चाँदी सिक्कों को लेकर, इन्हें भण्डार में रखना उचित नहीं” ऐसा क्यों कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- प्रधान याजकों ने उन सिक्कों लेकर कहा, इन्हें भण्डार में रखना उचित नहीं, क्योंकि यह लहू का दाम है। (मत्ती 27:06)

#8. हाकिम के सिपाही यीशु का अपमान करने के लिए उसके आगे घुटने टेककर उसे ठट्ठों में उड़ाने लगे और क्या कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- और काटों को मुकुट गूंथकर उसके सिर पर रखा; और उसके दाहिने हाथ में सरकण्डा दिया और उसके आगे घुटने टेककर उसे ठट्ठे में उड़ाने लगे, कि हे यहूदियों के राजा नमस्कार। (मत्ती 27:29)

#9. इस वचन को पूरा करे – “मैं ने …………… को घात के लिये पकड़वाकर पाप किया है ? उन्होंने कहा, हमें क्या ?”

उत्तर का संदर्भ:- और कहा, मैं ने निर्दोषी को घात के लिये पकड़वाकर पाप किया है? उन्होंने कहा, हमें क्या? तू ही जान। (मत्ती 27:04)

#10. हाकिम ने भीड़ के सामने क्या किया और कहा “मैं इस धर्मी के लहू से निर्दोष हूँ, तुम ही जानो” ?

उत्तर का संदर्भ:- जब पीलातुस ने देखा, कि कुछ बन नहीं पड़ता परन्तु इस के विपरीत हुल्लड़ होता जाता है, तो उस ने पानी लेकर भीड़ के साम्हने अपने हाथ धोए, और कहा; मैं इस धर्मी के लोहू से निर्दोष हूं; तुम ही जानो। (मत्ती 27:24)

#11. पिलातुस ने उनसे पूछा ‘‘फिर यीशु को जो मसीह कहलाता है क्या करूँ ? सब ने उससे क्या कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- पिलातुस ने उन से पूछा; फिर यीशु को जो मसीह कहलाता है, क्या करूं? सब ने उस से कहा, वह क्रूस पर चढ़ाया जाए। (मत्ती 27:22)

#12. यीशु को जब दाखरस पीने को दिया गया तब उसने चखकर क्यों पीना न चाहा ?

उत्तर का संदर्भ:- उन्होंने पित्त मिलाया हुआ दाखरस उसे पीने को दिया, परन्तु उस ने चखकर पीना न चाहा। (मत्ती 27:34)

#13. यहूदा इस्करियोती ने उन 30 चाँदी के सिक्कों का क्या किया जिनके लिए उसने यीशु को धोखा दिया था ?

उत्तर का संदर्भ:- जब उसके पकड़वाने वाले यहूदा ने देखा कि वह दोषी ठहराया गया है तो वह पछताया और वे तीस चान्दी के सिक्के प्रधान याजकों और पुरनियों के पास फेर लाया। (मत्ती 27:03)

#14. “वह पूरा हुआ; कि उन्होंने वे तीस सिक्के अर्थात उस ठहराए हुए मूल्य को (जिसे इस्त्राएल की सन्तान में से कितनों ने ठहराया था) ले लिए” यह वचन किस भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था ?

उत्तर का संदर्भ:- तब जो वचन यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था वह पूरा हुआ; कि उन्होंने वे तीस सिक्के अर्थात उस ठहराए हुए मूल्य को (जिसे इस्त्राएल की सन्तान में से कितनों ने ठहराया था) ले लिए। (मत्ती 27:09)

#15. यहूदा इस्करियोती ने अपने साथ क्या किया ?

उत्तर का संदर्भ:- तब वह उन सिक्कों मन्दिर में फेंककर चला गया, और जाकर अपने आप को फांसी दी। (मत्ती 27:05)

#16. यीशु से किसने पूछा “कि क्या तू यहूदियों का राजा है ?”

उत्तर का संदर्भ:- जब यीशु हाकिम के साम्हने खड़ा था, तो हाकिम ने उस से पूछा; कि क्या तू यहूदियों का राजा है? यीशु ने उस से कहा, तू आप ही कह रहा है। (मत्ती 27:11)

#17. हाकिम के पूछने पर क्या कारण था कि लोगों ने बरअब्बा को छोड़ने के लिए कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- प्रधान याजकों और पुरनियों ने लोगों को उभारा, कि वे बरअब्बा को मांग ले, और यीशु को नाश कराएं। (मत्ती 27:20)

#18. प्रधान याजकों और लोगों के पुरनियों ने किस समय यीशु को पिलातुस हाकिम के हाथ में सौंप दिया ?

उत्तर का संदर्भ:- जब भोर हुई, तो सब प्रधान याजकों और लोगों के पुरनियों ने यीशु के मार डालने की सम्मति की। (मत्ती 27:01)

#19. किसने कहा था कि ‘‘सचमुच यह परमेश्वर का पुत्र’’ था ?

उत्तर का संदर्भ:- तब सूबेदार और जो उसके साथ यीशु का पहरा दे रहे थे, भुईंडोल और जो कुछ हुआ था, देखकर अत्यन्त डर गए, और कहा, सचमुच “यह परमेश्वर का पुत्र था”। (मत्ती 27:54)

#20. पिलातुस के सामने यीशु पर कौन दोष लगा रहे थे ?

उत्तर का संदर्भ:- जब प्रधान याजक और पुरिनए उस पर दोष लगा रहे थे, तो उस ने कुछ उत्तर नहीं दिया। (मत्ती 27:12)

#21. हाकिम के सिपाहियों ने यीशु के कपड़े उतारकर उसे क्या पहनाया था ?

उत्तर का संदर्भ:- और उसके कपड़े उतारकर उसे लाल रंग का बागा पहिनाया। (मत्ती 27:28)

#22. यीशु को जब क्रूस पर चढ़ाया गया तो क्या दोषपत्र लगाया गया था ?

उत्तर का संदर्भ:- और उसका दोषपत्र, उसके सिर के ऊपर लगाया, कि “यह यहूदियों का राजा यीशु है”। (मत्ती 27:37)

#23. गुलगुता नामक स्थान और क्या कहलाता है ?

उत्तर का संदर्भ:- और उस स्थान पर जो गुलगुता नाम की जगह अर्थात खोपड़ी का स्थान कहलाता है पहुंचकर। (मत्ती 27:33)

#24. जब हाकिम न्याय की गद्दी पर बैठा हुआ था तो किसने उसे कहला भेजा, ‘‘तू उस धर्मी के मामले में हाथ न डालना’’ ?

उत्तर का संदर्भ:- जब वह न्याय की गद्दी पर बैठा हुआ था तो उस की पत्नी ने उसे कहला भेजा, कि तू उस धर्मी के मामले में हाथ न डालना; क्योंकि मैं ने आज स्वप्न में उसके कारण बहुत दुख उठाया है। (मत्ती 27:19)

#25. किसने पिलातुस के पास जाकर यीशु का शव मांगा था ?

उत्तर का संदर्भ:- जब सांझ हुई तो यूसुफ नाम अरिमतियाह का एक धनी मनुष्य जो आप ही यीशु का चेला था आया: उस ने पीलातुस के पास जाकर यीशु की शव मांगी। (मत्ती 27:57)

#26. “हे मन्दिर के ढानेवाले और तीन दिन में बनानेवाले अपने आप को तो बचा! यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो क्रूस पर से उतर आ”, यह बात किसने कहा था ?

उत्तर का संदर्भ:- और आने जाने वाले सिर हिला हिलाकर उस की निन्दा करते थे। और यह कहते थे, कि हे मन्दिर के ढाने वाले और तीन दिन में बनाने वाले, अपने आप को तो बचा; यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो क्रूस पर से उतर आ। (मत्ती 27:39-40)

#27. पिलातुस के पास यीशु के कब्र में तीन दिन तक रखवाली करने के लिये कौन निवेदन करने गये थे ?

उत्तर का संदर्भ:- दूसरे दिन जो तैयारी के दिन के बाद का दिन था, प्रधान याजक कों और फरीसियों ने पीलातुस के पास इकट्ठे होकर कहा। (मत्ती 27:62)

#28. ‘‘इसने औरों को बचाया, और अपने आप को नहीं बचा सकता। यह तो ‘‘इस्राएल का राजा है’’। अब क्रूस पर से उतर आए तो हम उस पर विश्वास करें। यह बात किसने कहा था ?

उत्तर का संदर्भ:- इसी रीति से प्रधान याजक भी शास्त्रियों और पुरनियों समेत ठट्ठा कर करके कहते थे, इस ने औरों को बचाया, और अपने को नहीं बचा सकता। यह तो “इस्राएल का राजा है”। अब क्रूस पर से उतर आए, तो हम उस पर विश्वास करें। (मत्ती 27:41-42)

#29. हाकिम के सिपाहियों ने किस मनुष्य को बेगार में पकड़ा कि यीशु का क्रूस उठाकर ले चले ?

उत्तर का संदर्भ:- बाहर जाते हुए उन्हें शमौन नाम एक कुरेनी मनुष्य मिला, उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा कि उसका क्रूस उठा ले चले। (मत्ती 27:32)

#30. ‘‘एली, एली, लमा शबक्तनी’’ का क्या अर्थ है ?

उत्तर का संदर्भ:- तीसरे पहर के निकट यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, एली, एली, लमा शबक्तनी अर्थात हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया? (मत्ती 27:46)

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