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1 यूहन्ना अध्याय 2 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | 1 John Chapter 2 Quiz Questions And Answers

प्रेरितों के काम अध्याय 21 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषीत होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. सारे जगत के पापों का प्रायश्चित कौन है ?

उत्तर का संदर्भ:- हे मेरे बालकों, मैं ये बातें तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि तुम पाप न करो; और यदि कोई पाप करे, तो पिता के पास हमारा एक सहायक है, अर्थात धार्मिक यीशु मसीह। और वही हमारे पापों का प्रायश्चित्त है: और केवल हमारे ही नहीं, वरन सारे जगत के पापों का भी। (01 यूहन्ना 02:01-02)

#2. यदि कोई पाप करे तो पिता के पास हमारा एक सहायक कौन है ?

उत्तर का संदर्भ:- हे मेरे बालकों, मैं ये बातें तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि तुम पाप न करो; और यदि कोई पाप करे, तो पिता के पास हमारा एक सहायक है, अर्थात धर्मी यीशु मसीह। (01 यूहन्ना 02:01)

#3. 01 यूहन्ना 02 अध्याय 01 आयत में यूहन्ना ‘‘मेरे प्रिय बालकों, मैं ये बातें तुम्हें किसलिये लिखता हूं कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- हे मेरे बालकों, मैं ये बातें तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि तुम पाप न करो; और यदि कोई पाप करे, तो पिता के पास हमारा एक सहायक है, अर्थात धार्मिक यीशु मसीह। (01 यूहन्ना 02:01)

#4. 01 यूहन्ना 02 अध्याय के अनुसार किसके पास पिता नहीं है ?

उत्तर का संदर्भ:- जो कोई पुत्र का इन्कार करता है उसके पास पिता भी नहीं: जो पुत्र को मान लेता है, उसके पास पिता भी है।(01 यूहन्ना 02:23)

#5. 01 यूहन्ना 02 अध्याय के अनुसार झूठा कौन है ?

उत्तर का संदर्भ:- झूठा कौन है? केवल वह, जो यीशु के मसीह होने का इन्कार करता है; और मसीह का विरोधी वही है, जो पिता का और पुत्र का इन्कार करता है। (01 यूहन्ना 02:22)

#6. जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, अंधकार में चलता है, और नहीं जानता, कि कहाँ जाता है, क्योंकि किसने उसकी आँखें अंधी कर दी हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- पर जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह अन्धकार में है, और अन्धकार में चलता है; और नहीं जानता, कि कहां जाता है, क्योंकि अन्धकार ने उस की आंखे अन्धी कर दी हैं॥ (01 यूहन्ना 02:11)

#7. 01 यूहन्ना 02 अध्याय में यूहन्ना किससे प्रेम रखने से मना करते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- तुम न तो संसार से और न संसार में की वस्तुओं से प्रेम रखो: यदि कोई संसार से प्रेम रखता है, तो उस में पिता का प्रेम नहीं है। (01 यूहन्ना 02:15)

#8. संसार और उसकी अभिलाषाएँ दोनों मिटते जाते हैं, पर कौन सर्वदा बना रहेगा ?

उत्तर का संदर्भ:- और संसार और उस की अभिलाषाएं दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा॥ (01 यूहन्ना 02:17)

#9. जो कोई यह कहता है, कि मैं ज्योति में हूँ, और अपने भाई से बैर रखता है, वह अब तक किसमें है ?

उत्तर का संदर्भ:- जो कोई यह कहता है, कि मैं ज्योति में हूं; और अपने भाई से बैर रखता है, वह अब तक अन्धकार ही में है। (01 यूहन्ना 02:09)

#10. हमारे पापों का प्रायश्चित कौन है ?

उत्तर का संदर्भ:- और वही हमारे पापों का प्रायश्चित्त है: और केवल हमारे ही नहीं, वरन सारे जगत के पापों का भी। (01 यूहन्ना 02:02)

#11. किस बात से हम जान लेंगे कि हम उसे जान गए हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- यदि हम उस की आज्ञाओं को मानेंगे, तो इस से हम जान लेंगे कि हम उसे जान गए हैं। जो कोई यह कहता है, कि मैं उसे जान गया हूं, और उस की आज्ञाओं को नहीं मानता, वह झूठा है; और उस में सत्य नहीं। पर जो कोई उसके वचन पर चले, उस में सचमुच परमेश्वर का प्रेम सिद्ध हुआ है: हमें इसी से मालूम होता है, कि हम उस में हैं।(01 यूहन्ना 02:04-05)

#12. 01 यूहन्ना 02 अध्याय के अनुसार जो तुम ने आरम्भ से सुना है, यदि वह तुम में बना रहे, तो तुम भी किसमें बने रहोगे ?

उत्तर का संदर्भ:- जो कुछ तुम ने आरम्भ से सुना है वही तुम में बना रहे: जो तुम ने आरम्भ से सुना है, यदि वह तुम में बना रहे, तो तुम भी पुत्र में, और पिता में बने रहोगे। (01 यूहन्ना 02:24)

#13. जो कोई यह कहता है, ‘‘मैं उसे जान गया हूँ,’’ और उसकी आज्ञाओं को नहीं मानता, तो उसमें क्या नहीं है ?

उत्तर का संदर्भ:- जो कोई यह कहता है, कि मैं उसे जान गया हूं, और उस की आज्ञाओं को नहीं मानता, वह झूठा है; और उस में सत्य नहीं। (01 यूहन्ना 02:04)

#14. किसी विश्वासी में पिता का प्रेम कब नहीं होगा ?

उत्तर का संदर्भ:- तुम न तो संसार से और न संसार में की वस्तुओं से प्रेम रखो: यदि कोई संसार से प्रेम रखता है, तो उस में पिता का प्रेम नहीं है। (01 यूहन्ना 02:15)

#15. जो कोई अपने भाई से प्रेम रखता है, वह किसमें रहता है, और ठोकर नहीं खा सकता ?

उत्तर का संदर्भ:- जो कोई अपने भाई से प्रेम रखता है, वह ज्योति में रहता है, और ठोकर नहीं खा सकता। (01 यूहन्ना 02:10)

#16. जो कोई यह कहता है, कि मैं परमेश्वर में बना रहता हूँ उसे स्वयं भी कैसे चलना चाहिये ?

उत्तर का संदर्भ:- सो कोई यह कहता है, कि मैं उस में बना रहता हूं, उसे चाहिए कि आप भी वैसा ही चले जैसा वह चलता था। (01 यूहन्ना 02:06)

#17. जो कोई यह कहता है, ‘‘मैं उसे जान गया हूँ,’’ और उसकी आज्ञाओं को नहीं मानता, तो वह क्या है ?

उत्तर का संदर्भ:- जो कोई यह कहता है, कि मैं उसे जान गया हूं, और उस की आज्ञाओं को नहीं मानता, वह झूठा है; और उस में सत्य नहीं। (01 यूहन्ना 02:04)

#18. शरीर की अभिलाषा, और आँखों की अभिलाषा और जीविका का घमण्ड किसकी ओर से आती है ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात शरीर की अभिलाषा, और आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमण्ड, वह पिता की ओर से नहीं, परन्तु संसार ही की ओर से है। (01 यूहन्ना 02:16)

#19. किसी विश्वासी में सचमुच परमेश्चर का प्रेम कब सिद्ध होता है ?

उत्तर का संदर्भ:- पर जो कोई उसके वचन पर चले, उस में सचमुच परमेश्वर का प्रेम सिद्ध हुआ है: हमें इसी से मालूम होता है, कि हम उस में हैं। (01 यूहन्ना 02:05)

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