2 पतरस अध्याय 1 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | 2 Peter Chapter 1 Quiz Questions And Answers
February 12, 2025

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मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषीत होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।
#1. पतरस, हे भाईयो क्या किये जाने को सिद्ध करने का भली भाँति यत्न करते जाओ, क्योंकि यदि ऐसा करोगे, तो कभी भी ठोकर न खाओगे कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- इस कारण हे भाइयों, अपने बुलाए जाने, और चुन लिये जाने को सिद्ध करने का भली भांति यत्न करते जाओ, क्योंकि यदि ऐसा करोगे, तो कभी भी ठोकर न खाओगे। (2 पतरस 01:10)
#2. पतरस, भक्त जन किसके द्वारा उभारे जाकर परमेश्वर की ओर से बोलते थे कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्छा से कभी नहीं हुई पर भक्त जन पवित्र आत्मा के द्वारा उभारे जाकर परमेश्वर की ओर से बोलते थे॥ (2 पतरस 01:18)
#3. पतरस, तुम सब प्रकार का यत्न करके, अपने सद्गुण में क्या जोड़ो कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि उसके ईश्वरीय सामर्थ ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से सम्बन्ध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिस ने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है। (2 पतरस 01:03)
#4. पतरस, मैं यह अपने लिये उचित समझता हूँ, कि जब तक मैं इस डेरे में हूँ तब तक तुम्हें क्या करता रहूँ कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- और मैं यह अपने लिये उचित समझता हूं, कि जब तक मैं इस डेरे में हूं, तब तक तुम्हें सुधि दिला दिलाकर उभारता रहूं। (2 पतरस 01:13)
#5. पतरस अपने विषय में, मैं क्या जानता हूँ, जैसा कि हमारे प्रभु यीशु मसीह ने मुझ पर प्रकट किया है कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि यह जानता हूं, कि मसीह के वचन के अनुसार मेरे डेरे के गिराए जाने का समय शीघ्र आने वाला है। (2 पतरस 01:14)
#6. पतरस, परमेश्वर ने हमें जो प्रतिज्ञाएँ दी हैं, इनके द्वारा तुम उस सड़ाहट से छूटकर, जो संसार में बुरी अभिलाषाओं से होती है, क्या हो जाओ कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- जिन के द्वारा उस ने हमें बहुमूल्य और बहुत ही बड़ी प्रतिज्ञाएं दी हैं: ताकि इन के द्वारा तुम उस सड़ाहट से छूट कर जो संसार में बुरी अभिलाषाओं से होती है, ईश्वरीय स्वभाव के समभागी हो जाओ। (2 पतरस 01:04)
#7. 02 पतरस 01 अध्याय में कितनी आयतें हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- (2 पतरस 01:21)
#8. पतरस, परमेश्वर के और हमारे प्रभु यीशु की पहचान के द्वारा क्या तुम में बहुतायत से बढ़ती जाए कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- परमेश्वर के और हमारे प्रभु यीशु की पहचान के द्वारा अनुग्रह और शान्ति तुम में बहुतायत से बढ़ती जाए। (2 पतरस 01:02)
#9. पतरस, तुम सब प्रकार का यत्न करके, अपने विश्वास में क्या जोड़ो कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- और इसी कारण तुम सब प्रकार का यत्न करके, अपने विश्वास पर सद्गुण, और सद्गुण पर समझ। (2 पतरस 01:05)
#10. पतरस ने क्या कहा, जब यीशु मसीह ने परमेश्वर पिता से आदर और महिमा पाई तो उस प्रतापमय महिमा से क्या वाणी आई ?
उत्तर का संदर्भ:- कि उस ने परमेश्वर पिता से आदर, और महिमा पाई जब उस प्रतापमय महिमा में से यह वाणी आई कि यह मेरा प्रिय पुत्र है जिस से मैं प्रसन्न हूं। (2 पतरस 01:17)
#11. 02 पतरस के लेखक ने अध्याय 01 में अपना वर्णन किस प्रकार किया है ?
उत्तर का संदर्भ:- शमौन पतरस की और से जो यीशु मसीह का दास और प्रेरित है, उन लोगों के नाम जिन्होंने हमारे परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की धामिर्कता से हमारा सा बहुमूल्य विश्वास प्राप्त किया है। (2 पतरस 01:01)
#12. पतरस, तुम सब प्रकार का यत्न करके, अपने संयम में क्या जोड़ो कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- और समझ पर संयम, और संयम पर धीरज, और धीरज पर भक्ति। (2 पतरस 01:06)
#13. पतरस, जब हमने तुम्हें अपने प्रभु यीशु की सामर्थ्य का, और आगमन का समाचार दिया था तो वह किसका अनुकरण नहीं था कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि जब हम ने तुम्हें अपने प्रभु यीशु मसीह की सामर्थ का, और आगमन का समाचार दिया था तो वह चतुराई से गढ़ी हुई कहानियों का अनुकरण नहीं किया था वरन हम ने आप ही उसके प्रताप को देखा था। (2 पतरस 01:14)
#14. पतरस, जब यीशु मसीह ने परमेश्वर पिता से आदर और महिमा पाई और उस प्रतापमय महिमा से वाणी आई तब हम कहाँ थे कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- और जब हम उसके साथ पवित्र पहाड़ पर थे, तो स्वर्ग से यही वाणी आते सुनी। (2 पतरस 01:18)
#15. पतरस, तुम सब प्रकार का यत्न करके, अपने समझ में क्या जोड़ो कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- और समझ पर संयम, और संयम पर धीरज, और धीरज पर भक्ति। (2 पतरस 01:06)