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यीशु मसीह की पहिचान एवं सामर्थ्य में बढ़ने के लिये सहायता

1 तीमुथियुस अध्याय 1 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | 1 Timothy Chapter 1 Quiz Questions And Answers

रोमियों अध्याय 14 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी हृदय से गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषीत होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. पौलुस मुझ पर इसलिये दया हुई, कि मुझ सब से बड़े पापी में यीशु मसीह अपनी क्या दिखाए कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- पर मुझ पर इसलिये दया हुई, कि मुझ सब से बड़े पापी में यीशु मसीह अपनी पूरी सहनशीलता दिखाए, कि जो लोग उस पर अनन्त जीवन के लिये विश्वास करेंगे, उन के लिये मैं एक आदर्श बनूं। (01 तीमुथियुस 01:16)

#2. तिमुथियुस पौलुस के लिए क्या था ?

उत्तर का संदर्भ:- पौलुस की ओर से जो हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर, और हमारी आशा-स्थान मसीह यीशु की आज्ञा से मसीह यीशु का प्रेरित है, तिमुथियुस के नाम जो विश्वास में मेरा सच्चा पुत्र है॥ (01 तीमुथियुस 01:01)

#3. 01 तीमुथियुस 01 अध्याय के अनुसार पौलुस कौन सी बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं। (01 तीमुथियुस 01:15)

#4. व्यवस्था धर्मी जन के लिये नहीं पर किनके लिये ठहराई गई है ?

उत्तर का संदर्भ:- यह जानकर कि व्यवस्था धर्मी जन के लिये नहीं, पर अधमिर्यों, निरंकुशों, भक्तिहीनों, पापीयों, अपवित्रों और अशुद्धों, मां-बाप के घात करने वालों, हत्यारों। (01 तीमुथियुस 01:09)

#5. 01 तीमुथियुस 01 अध्याय के अनुसार पौलुस अपने आप को विश्वाशी होने के पहले कैसा था कहते ?

उत्तर का संदर्भ:- मैं तो पहिले निन्दा करने वाला, और सताने वाला, और अन्धेर करने वाला था; तौभी मुझ पर दया हुई, क्योंकि मैं ने अविश्वास की दशा में बिन समझे बूझे, ये काम किए थे। (01 तीमुथियुस 01:13)

#6. पौलुस तीमुथियुस को क्या थामे रह, जिसे दूर करने के कारण कितनों का विश्वास रूपी जहाज डूब गया कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- और विश्वास और उस अच्छे विवेक को थामें रहे जिसे दूर करने के कारण कितनों का विश्वास रूपी जहाज डूब गया। (01 तीमुथियुस 01:19)

#7. 01 तीमुथियुस 01 अध्याय के अनुसार यदि कोई व्यवस्था को उचित रीति से काम में लाये तो वह कैसी है ?

उत्तर का संदर्भ:- पर हम जानते हैं, कि यदि कोई व्यवस्था को व्यवस्था की रीति पर काम में लाए, तो वह भली है। (01 तीमुथियुस 01:08)

#8. पौलुस के अनुसार आज्ञा का सारांश क्या है ?

उत्तर का संदर्भ:- आज्ञा का सारांश यह है, कि शुद्ध मन और अच्छे विवेक, और कपट रहित विश्वास से प्रेम उत्पन्न हो। (01 तीमुथियुस 01:05)

#9. पौलुस कहां जाते समय तीमुथियुस को इफिसुस में रहने के लिये कहा था ?

उत्तर का संदर्भ:- जैसे मैं ने मकिदुनिया को जाते समय तुझे समझाया था, कि इफिसुस में रहकर कितनों को आज्ञा दे कि और प्रकार की शिक्षा न दें। (01 तीमुथियुस 01:03)

#10. पौलुस ने उन लोगों के साथ क्या किया जिनका विश्वास रूपी जहाज डूब गया ?

उत्तर का संदर्भ:- और विश्वास और उस अच्छे विवेक को थामें रहे जिसे दूर करने के कारण कितनों का विश्वास रूपी जहाज डूब गया। (01 तीमुथियुस 01:19)

#11. 01 तीमुथियुस अध्याय 01 के अनुसार उन दो व्यक्तियों के नाम बताईये जिनका विश्वास रूपी जहाज डूब गया था ?

उत्तर का संदर्भ:- उन्हीं में से हुमिनयुस और सिकन्दर हैं जिन्हें मैं ने शैतान को सौंप दिया, कि वे निन्दा करना न सीखें॥ (01 तीमुथियुस 01:20)

#12. पौलुस तीमुथियुस को कुछ लोगों के लिये किन बातों पर मन न लगाये जिनसे विवाद होते हैं आज्ञा देने को कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- और उन ऐसी कहानियों और अनन्त वंशावलियों पर मन न लगाएं, जिन से विवाद होते हैं; और परमेश्वर के उस प्रबन्ध के अनुसार नहीं, जो विश्वास से सम्बन्ध रखता है; वैसे ही फिर भी कहता हूं। (01 तीमुथियुस 01:04)

#13. यीशु मसीह ने पौलुस को क्या समझकर अपनी सेवा के लिये ठहराया ?

उत्तर का संदर्भ:- और मैं, अपने प्रभु मसीह यीशु का, जिस ने मुझे सामर्थ दी है, धन्यवाद करता हूं; कि उस ने मुझे विश्वास योग्य समझकर अपनी सेवा के लिये ठहराया। (01 तीमुथियुस 01:12)

#14. परमेश्वर ने हमें जो प्रतिज्ञाएँ दी हैं वह कैसी हैं ?

#15. 01 तीमुथियुस अध्याय 01 के अनुसार पौलुस मसीह यीशु का प्रेरित कैसे बना ?

उत्तर का संदर्भ:- पौलुस की ओर से जो हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर, और हमारी आशा-स्थान मसीह यीशु की आज्ञा से मसीह यीशु का प्रेरित है, तिमुथियुस के नाम जो विश्वास में मेरा सच्चा पुत्र है॥ (01 तीमुथियुस 01:01)

#16. 01 तीमुथियुस 01 अध्याय में पौलुस ने परमेश्वर का वर्णन किस प्रकार किया है जिसका आदर और महिमा युगानुयुग होती रहे कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- अब सनातन राजा अर्थात अविनाशी अनदेखे अद्वैत परमेश्वर का आदर और महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन॥ (01 तीमुथियुस 01:17)

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