November 6, 2024
यदि हम मसीह में हैं तो हमें परमेश्वर एवं मनुष्य दोनो के अनुगृह में बढ़ना चाहिये और मसीही जीवन का आनन्द लेना चाहिये। (लूका 2ः52) में पढ़ते है ‘‘और यीशु बुद्धि और डील-डौल में, और परमेश्वर और मनुष्यों के अनुगृह में बढ़ता गया”। इसी प्रकार शमूएल के जीवन में भी हम इसी बात को देखते है (01 शमूएल 02ः26) Read more…